मेरा नाम नवदीप है, मैं 19 साल का गोरा-चिट्टा जवान हूँ, इंदौर में मैं अपने आंटी-अंकल के साथ रहता हूँ।मैं जब जवान हुआ ही था.. तभी से मुझे चुदाई की कहानियाँ पढ़ने का शौक लग गया था।यहाँ अन्तर्वासना पर मैंने काफ़ी सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी हैं। मुझे भी कुछ कहना है इसलिए.. मैं भी आज आप सबको अपनी कहानी बताना चाह रहा हूँ।मई का महीना था.. एक दिन किसी काम से मेरे माँ और पापा भोपाल गए हुए थे और हमारी काम वाली आ गई। वो बहुत ही सुन्दर है। हालांकि उसकी उम्र तो 36 साल है.. पर वो किसी भी एंगिल से 36 साल की नहीं लगती है। उसका फिगर 34-28-34 का है।उसने दरवाजे पर दस्तक दी मैंने लौड़ा हिलाते हुए उठा कर दरवाजा खोला और वापस आकर अपने बिस्तर पर लेट गया।इतनी देर में मैंने देखा कि वो अपना ब्लाउज खोल कर हवा खा रही थी।मैंने उसकी तरफ देखा तो वो मुझे देख कर वो एकदम शर्मा गई और मैं वहाँ से उठ कर चला गया।तभी वो मेरे पास आई और बोली- आपने कुछ देखा तो नहीं?मैंने उसे कहा- कुछ तो शरम किया करो.. ऐसे कहीं भी कपड़े खोल कर खड़ी हो जाती हो?वो बोली- बहुत गर्मी हो रही है भैया.. क्या करूँ? मुझे गर्मी भी थोड़ी ज़्यादा ही लगती है।मैंने कहा- चल ठीक है.. आगे से एसा मत करना..वो ‘ठीक है..’ बोलकर चली गई।लेकिन.. मेरे दिमाग़ में तो उसके वही मोटे-मोटे गोल- गोल खरबूजे दिख रहे थे.. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसको जाकर पूछा- तुम इतनी गर्मी में अपने घर पर तो बिना कपड़ों के घूमती होगी?तो वो शरमाई और बोली- हाँ.. मुझे गर्मी थोड़ी ज़्यादा लगती है.. और मेरा मर्द भी मुझे नंगी घूमने के लिए मना नहीं करता..मैंने कहा- जब इतने मस्त मम्मे देखने को मिलेंगे.. तो कौन साला मना करेगा?यह कहते हुए.. मैंने उसे आँख मार दी।तो वो शर्मा कर चली गई।फिर मैं नहाने चला गया.. लेकिन मैंने दरवाजा खुला हीछोड़ दिया। थोड़ी देर में कमला मेरे कमरे में आई.. तोउसने बाथरूम के खुले दरवाजे से मुझे नहाते हुए देखा और मेरी चाल काम कर गई।मेरा हवा में लहराता 9 इंच लंबा लौड़ा देख कर उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं। उसका चहरा सन्न रह गया और वो खुद को रोक नहीं पाई और बोली- हाय दैय्या.. इतनाबड़ा?मैंने मस्ती से लौड़ा हिलाते हुए उससे पूछा- तुझे चाहिए ये?वो मेरे पास आई और मैंने उसके सारे कपड़े निकाल दिए।अब हम दोनों ही नंगे थे।हम दोनों साथ में खूब नहाए.. हम दोनों ने नहाते समय एक-दूसरे के जिस्म का भरपूर मज़ा लिया। मैंने उसके मम्मों की गोलाई को मस्त नापा। उसने भी मेरे लंड की लंबाई को नाप कर मज़ा लिया।फिर मैं उसे अपने बेडरूम में ले गया। उसे बिस्तर पर पटक कर अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया। वो भी मेरेलंड को मज़े से चूसने लगी। करीब 15 मिनट तक लौड़ा चुसवाने के बाद.. मैंने अपना सारा माल उसके मुँह मेंही डाल दिया।वो भी मेरे लौड़े का सारा रस चाट कर पी गई। उसने मेरेलंड को पूरा चाट कर साफ़ कर दिया और मेरे माल की एक भी बूँद को जाया नहीं होने दिया।अब मेरा लंड सिकुड़ कर छोटा होने लगा था.. तो मैंने उसको अपने लंड को चूसते रहने के लिए बोला।वो मेरे छोटे और सिकुड़े हुए लंड को अपने हाथों में ले कर चूस रही थी।
Wमेरा नाम नवदीप है, मैं 19 साल का गोरा-चिट्टा जवान हूँ, इंदौर में मैं अपने आंटी-अंकल के साथ रहता हूँ।मैं जब जवान हुआ ही था.. तभी से मुझे चुदाई की कहानियाँ पढ़ने का शौक लग गया था।यहाँ अन्तर्वासना पर मैंने काफ़ी सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी हैं। मुझे भी कुछ कहना है इसलिए.. मैं भी आज आप सबको अपनी कहानी बताना चाह रहा हूँ।मई का महीना था.. एक दिन किसी काम से मेरे माँ और पापा भोपाल गए हुए थे और हमारी काम वाली आ गई। वो बहुत ही सुन्दर है। हालांकि उसकी उम्र तो 36 साल है.. पर वो किसी भी एंगिल से 36 साल की नहीं लगती है। उसका फिगर 34-28-34 का है।उसने दरवाजे पर दस्तक दी मैंने लौड़ा हिलाते हुए उठा कर दरवाजा खोला और वापस आकर अपने बिस्तर पर लेट गया।इतनी देर में मैंने देखा कि वो अपना ब्लाउज खोल कर हवा खा रही थी।मैंने उसकी तरफ देखा तो वो मुझे देख कर वो एकदम शर्मा गई और मैं वहाँ से उठ कर चला गया।तभी वो मेरे पास आई और बोली- आपने कुछ देखा तो नहीं?मैंने उसे कहा- कुछ तो शरम किया करो.. ऐसे कहीं भी कपड़े खोल कर खड़ी हो जाती हो?वो बोली- बहुत गर्मी हो रही है भैया.. क्या करूँ? मुझे गर्मी भी थोड़ी ज़्यादा ही लगती है।मैंने कहा- चल ठीक है.. आगे से एसा मत करना..वो ‘ठीक है..’ बोलकर चली गई।लेकिन.. मेरे दिमाग़ में तो उसके वही मोटे-मोटे गोल- गोल खरबूजे दिख रहे थे.. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसको जाकर पूछा- तुम इतनी गर्मी में अपने घर पर तो बिना कपड़ों के घूमती होगी?तो वो शरमाई और बोली- हाँ.. मुझे गर्मी थोड़ी ज़्यादा लगती है.. और मेरा मर्द भी मुझे नंगी घूमने के लिए मना नहीं करता..मैंने कहा- जब इतने मस्त मम्मे देखने को मिलेंगे.. तो कौन साला मना करेगा?यह कहते हुए.. मैंने उसे आँख मार दी।तो वो शर्मा कर चली गई।फिर मैं नहाने चला गया.. लेकिन मैंने दरवाजा खुला हीछोड़ दिया। थोड़ी देर में कमला मेरे कमरे में आई.. तोउसने बाथरूम के खुले दरवाजे से मुझे नहाते हुए देखा और मेरी चाल काम कर गई।मेरा हवा में लहराता 9 इंच लंबा लौड़ा देख कर उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं। उसका चहरा सन्न रह गया और वो खुद को रोक नहीं पाई और बोली- हाय दैय्या.. इतनाबड़ा?मैंने मस्ती से लौड़ा हिलाते हुए उससे पूछा- तुझे चाहिए ये?वो मेरे पास आई और मैंने उसके सारे कपड़े निकाल दिए।अब हम दोनों ही नंगे थे।हम दोनों साथ में खूब नहाए.. हम दोनों ने नहाते समय एक-दूसरे के जिस्म का भरपूर मज़ा लिया। मैंने उसके मम्मों की गोलाई को मस्त नापा। उसने भी मेरे लंड की लंबाई को नाप कर मज़ा लिया।फिर मैं उसे अपने बेडरूम में ले गया। उसे बिस्तर पर पटक कर अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया। वो भी मेरेलंड को मज़े से चूसने लगी। करीब 15 मिनट तक लौड़ा चुसवाने के बाद.. मैंने अपना सारा माल उसके मुँह मेंही डाल दिया।वो भी मेरे लौड़े का सारा रस चाट कर पी गई। उसने मेरेलंड को पूरा चाट कर साफ़ कर दिया और मेरे माल की एक भी बूँद को जाया नहीं होने दिया।अब मेरा लंड सिकुड़ कर छोटा होने लगा था.. तो मैंने उसको अपने लंड को चूसते रहने के लिए बोला।वो मेरे छोटे और सिकुड़े हुए लंड को अपने हाथों में ले कर चूस रही थी।
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